Mukhyamantri Sukhashray Yojana Himachal Pradesh in Hindi | हिमाचल प्रदेश राज्य में कई अनाथ बच्चे हैं, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। ऐसे अनाथ बच्चे या तो अनाथालय में रहते हैं या सड़क के किनारे फुटपाथ पर रहते हैं। ऐसे बच्चों के कल्याण के लिए सरकार ने हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को सरकार द्वारा लाभान्वित किया जाएगा और उन्हें शिक्षा, शादी और कोचिंग के लिए वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी। आइए लेख की ओर बढ़ते हैं और विस्तार से जानते हैं कि हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना क्या है और हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना के लिए आवेदन कैसे करें।
हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना क्या है (What is Sukhashray Yojana)
हिमाचल प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा हिमाचल प्रदेश में सुखाश्रय योजना शुरू की गई है। सरकार द्वारा इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को मुख्य रूप से लाभार्थी के रूप में शामिल किया जाएगा, क्योंकि आप अच्छी तरह से जानते हैं कि अनाथ बच्चों का कोई सहारा नहीं होता है, वे इधर-उधर भटकते रहते हैं और कई बार वे आपराधिक गतिविधियों में भी लिप्त हो जाते हैं।
लेकिन सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना से अब अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद मिल सकेगी। आर्थिक मदद मिलने से वह अपनी पढ़ाई भी कर सकेंगे और रहने का भी इंतजाम कर सकेंगे। अनाथ बच्चों को सरकार द्वारा इस योजना के तहत तब तक पढ़ाया जाएगा जब तक वे पढ़ना चाहते हैं। इसके लिए सरकार ने बजट भी तय कर दिया है।
इस तरह यह योजना हिमाचल प्रदेश के अनाथ बच्चों के लिए बहुत ही कल्याणकारी योजना साबित होने वाली है। इस योजना के लिए पैसा इकट्ठा करने के लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के सभी कांग्रेसी विधायकों से योजना में पैसा जमा कराने की अपील की है. अगर किसी विधायक की इच्छा हो तो वह अपनी इच्छा के अनुसार इस योजना में पैसा जमा करा सकता है। किसी पर कोई जबरदस्ती नहीं है।
हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना बनी कानून (Law)
हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने किसी योजना को कानून बनाया है। दरअसल, कुछ समय पहले राज्य के अनाथ बच्चों की देखभाल, सुरक्षा और स्वावलंबन के लिए विधानसभा में एक विधेयक पेश किया गया था. जिस पर रविवार को चर्चा हुई और विधानसभा में इसे मंजूरी मिल गई। और इसे चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट का नाम दिया गया है।
इस विधेयक के पारित होने के बाद मुख्यमंत्री का कहना है कि अनाथ बच्चों पर दया नहीं की जानी चाहिए, बल्कि उन्हें उनका अधिकार दिया जाना चाहिए. आपको बता दें कि राज्य के करीब 6 हजार अनाथ बच्चों की पूरी परवरिश राज्य सरकार ही करेगी.
साथ ही उन बच्चों को हर माह 4 हजार रुपए पॉकेट मनी भी दी जाएगी, बच्चों के 27 साल पूरे होने पर उन्हें अपना घर बनाने के लिए 3 बिस्वा जमीन और घर बनाने में आने वाले खर्चे भी दिए जाएंगे। राज्य द्वारा भुगतान भी किया जाएगा। सरकार इसे राज्य सरकार द्वारा 101 करोड़ रुपये के कोष से शुरू किया गया है।
हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना का उद्देश्य (Objective)
इस योजना के तहत प्रारंभिक चरण में सरकार द्वारा लगभग 6000 अनाथ बच्चों को गोद लिया जाएगा और उनका रखरखाव भी सरकार द्वारा किया जाएगा। सरकार रखरखाव के तहत अनाथ बच्चों को शिक्षा खर्च प्रदान करेगी। इसके अलावा घर और शादी का खर्चा भी उन्हें मिलेगा।
इसके साथ ही सरकार ने यह भी निर्णय लिया है कि अनाथ बच्चों को हर माह आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। इस प्रकार जब अनाथ बच्चों को सरकार द्वारा इतनी सुविधाएं प्राप्त होंगी तो वे भी गलत कार्यों को छोड़कर समाज की मुख्य धारा में आने के लिए प्रेरित होंगे और एक अच्छा इंसान बनने के साथ-साथ देश की प्रगति में अपना योगदान देंगे।
हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना के लाभ एवं विशेषताएं (Benefit and Features)
- योजना के तहत अनाथालयों में रहने वाले 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को उनकी शिक्षा, रहने की व्यवस्था और छात्रावास की सुविधा के लिए सरकार हर साल ₹1,00,000 की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- सरकार अनाथ बच्चों को पॉकेट मनी के रूप में हर महीने ₹4000 देगी।
- योजना के तहत सरकार 14 साल तक के अनाथ बच्चों को हर महीने ₹1000 और 15 से 18 साल तक के अनाथ बच्चों को ₹2500 हर महीने देगी।
- इस योजना के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 1 अरब 1 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं।
- योजना में पैसा जमा कराने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के 40 विधायकों से अपना वेतन दान करने का अनुरोध भी किया है.
- अनाथ बच्चों की शादी के लिए सरकार द्वारा ₹2,00,000 दिए जाएंगे।
- योजना के तहत पैसा देने के लिए सरकार डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम का इस्तेमाल करेगी और लाभार्थी को उसके बैंक खाते में पैसा देगी।
हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना में पात्रता (Eligibility)
- योजना के तहत हिमाचल प्रदेश के मूल निवासी पात्र होंगे।
- योजना में केवल अनाथ बच्चों को ही शामिल किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना में दस्तावेज (Documents)
- आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- मूल निवास प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी
- माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र
- बैंक अकाउंट की जानकारी
- फोन नंबर
- ईमेल आईडी
- शैक्षिक योग्यता पत्र
- आय प्रमाण पत्र
हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना में आवेदन (Application)
सरकार को इस योजना को शुरू हुए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। इसलिए सरकार ने अभी तक योजना में आवेदन कैसे करें से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी है।
जैसे ही सरकार द्वारा योजना में आवेदन की प्रक्रिया के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी दी जाती है तो जानकारी के अनुसार हम आपको योजना में आवेदन कैसे करें की पूरी प्रक्रिया बता देंगे।
हिमाचल प्रदेश सुखाश्रय योजना हेल्पलाइन नंबर (Helpline Number)
अभी तक सरकार ने योजना के लिए न तो कोई हेल्पलाइन नंबर जारी किया है और न ही किसी प्रकार का टोल फ्री नंबर जारी किया है। इसलिए आपको घर बैठे योजना के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी प्राप्त करने के लिए कुछ समय का इंतजार करना होगा।
क्योंकि जैसे ही सरकार योजना से संबंधित हेल्पलाइन नंबर जारी करेगी, हम इस लेख में हेल्पलाइन नंबर को अपडेट कर देंगे, ताकि आप अन्य जानकारी प्राप्त करने के लिए उससे संपर्क कर सकें या योजना से संबंधित अपनी शिकायत दर्ज करा सकें।
Mukhyamantri Sukh Aashray Yojana 2023
🟠 योजना का नाम | 🟢 मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना (MMSAY) |
🟠 शुरू की गई | 🟢 मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा |
🟠 कब मंजूरी मिली | 🟢 16 फरवरी, 2023 |
🟠 राज्य | 🟢 हिमाचल प्रदेश (HP) |
🟠 उद्देश्य | 🟢 राज्य में मौजूदा अनाथालयों, वृद्ध आश्रम और आश्रय ग्रहों का नवीनीकरण करना |
🟠 लाभार्थी | 🟢 अनाथ बच्चों, बेसहारा महिलाएं, वृद्ध लोग, विकलांग बच्चें आदि |
🟠 आवेदन प्रक्रिया | 🟢 ऑनलाइन/ऑफलाइन |
🟠 आधिकारिक वेबसाइट | 🟢 sukhashray-hp.nic.in |
🟠 टेलीग्राम चैनल | 🟢 यहां क्लिक करें |
अनाथालय में रहने वाले बच्चों को वजीफा की सुविधा
मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, हिमाचल प्रदेश के अंतर्गत कैबिनेट की बैठक में मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह भी निर्णय लिया गया है कि अनाथालय में 18 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को उनकी शिक्षा के लिए ₹100000 प्रति वर्ष दिया जाएगा, उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी।
आवास और छात्रावास की सुविधा। आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही कोचिंग लेने वाले बच्चों को ₹4000 प्रतिमाह स्टाइपेंड भी प्रदान किया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत 0 से 14 वर्ष के अनाथ बच्चों को ₹1000 प्रति माह की आर्थिक सहायता तथा 15 से 18 वर्ष के अनाथ बच्चों को ₹500 प्रति माह की आर्थिक सहायता भी दी जाती है। उपलब्ध कराया जाएगा।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के तहत अभी तक कोई ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है और न ही हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार ने आवेदन के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसलिए आपको कुछ देर इंतजार करना होगा।
जब भी राज्य सरकार द्वारा आवेदन से संबंधित जानकारी प्रकाशित की जाएगी, उसी समय हम आपको इस लेख के माध्यम से अपडेट प्रदान करेंगे। तब तक आप इस लेख को बुकमार्क करके रख सकते हैं।
HP Mukhyamantri Sukh Ashray Yojana 2023 Hindi Me Jankari
हमने आपको सबसे आसान भाषा में इसकी पूरी जानकारी प्रदान की है। इसी प्रकार यदि आप अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी आसान भाषा में प्राप्त करना चाहते हैं तो कृपया हमारी खेती नी दुनिया वेबसाइट के होम पेज पर जायें।
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FAQ
Q : सुखाश्रय योजना कौन से राज्य में चल रही है?
Ans : हिमाचल प्रदेश
Q : सुखाश्रय योजना के लाभार्थी कौन होंगे?
Ans : हिमाचल प्रदेश के अनाथ बच्चे
Q : सुखाश्रय योजना के तहत क्या लाभ मिलेगा?
Ans : अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाएगी
Q : सुखाश्रय योजनाका लाभ लाभार्थी को कैसे मिलेगा?
Ans : इसके लिए आवेदन करना होगा
Q : सुखाश्रय योजना को किसने शुरू किया?
Ans : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
Q : सुखाश्रय योजना की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?
Ans : sukhashray-hp.nic.in यहाँ जानकरी मिल सकती है